Tu wahi Murat hai


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आँखे 'तेरी इक दरीया है,
मेरे इश्क का वो ही इक जरीया है,
ओठ जैसे उसका किनारा है,
यही तो इश्क का सहारा है,
तू खुबसुरती से भी खुबसुरत है,
दिल मे सजायी थी जो तू वही मुरत है..।।www.mazishayari.blogspot.com

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